यह समय स्थानिक सूर्योदय के अनुसार थोड़ा बहुत बदल सकता है। 15 से 20 मिनिट का थोड़ा बहुत अंतर आ सकता है, यह समय सिर्फ भारत के लिए है। यह समय दिल्ली के सूर्योदय के अनुसार है।
शुक्र अस्त समय काल
शुक्र मकर राशि में 14/ 02/ 2021, रविवार 01:00:47 बजे अस्त होगा।
और शुक्र मेष राशि 04/ 05/ 2021, मंगलवार 06:23:48 बजे अस्त की समाप्ति होगी।
गुरु अस्त समय काल
गुरु मकर राशि में 15/ 01/ 2021, शुक्रवार 06:25:30 बजे को अस्त होगा और 12/ 02/ 2021, शुक्रवार 12:14:38 बजे मकर राशि मे गुरु अस्त की समाप्ति होगी।
गुरु शुक्र अस्त फल
जब कोई ग्रह सूर्य के करीब से गोचर करता है तो वह अपना प्रभाव सूर्य के समीप होने से नहीं दे पाता, सूर्य और गुरु की जब अंशात्मक दूरी 11 अंश होती है तो गुरु ग्रह अस्त होता है उसे उस समय काल के लिए अस्त हुआ माना जाता है। और जब शुक्र और सूर्य की अंशात्मक दूरी 10 अंश होती हैं तो शुक को अस्त हुआ मानते है। जब कोई ग्रह सूर्य से अस्त होता है तो उसके कारक तत्व समाप्त होते।
गुरु और शुक्र शुभ ग्रह है, शुभ ग्रह अस्त होने पर शुभ मांगलिक कार्यों का त्याग करना चाहिए। जैसे-
१. गृह निर्माण और गृह प्रवेश,
२. कुआं, टैंक, तालाब, सिंचाई पंप खोदना,
३. दस महादान,
४. व्रत प्रारंभ और व्रत समाप्ति
५. किसी भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा,
६. यज्ञ करना,
७. मंत्र दीक्षा,
८. किसी देश की यात्रा,
९. किसी प्रमुख पद की शपथ ग्रहण करना,
१०. अन्नप्राशन संस्कार, केशांत, कर्णवेध, मुंडन, उपनयन, वेदारंभ, समावर्तन, विवाह,
११. तीर्थ यात्रा आदि यह कार्य ग्रह का उदय होने पर ही करना चाहिए।
ग्रह जब अस्त हो कर उदय होते है तो भी दो तीन दिन वह अपना प्रभाव नहीं दिखा पाते।
जो कार्य गुरु शुक्र के अस्त होने पर नही करना चाहिए वही काम क्षय मास और अधिक मास में नहीं करना चाहिए।
मकर राशि का गुरु नीच राशि का गुरु है यह गुरु भारत के दक्षिण क्षेत्र बिहार से भारत का दक्षिण भाग के लिए अशुभ होता है।
सिंह राशि का गुरु
जो कार्य गुरु शुक्र के अस्त होने पर नही करना चाहिए वह काम सिंह राशि के गुरु मे नही करना चाहिए। सिंह राशि का गुरु विशेष रूप से गंगा और गोदावरी तट के क्षेत्रों यानि गोदावरी का उत्तर भाग और गंगा का दक्षिण के लिए विशेष अशुभ है।
दिव्याकान्ति लोकनार
AstroTips Team