मेरे ज्योतिषीय गणना के अनुसार नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर ,1949 को प्रातः 10:50 पर वडनगर ग्राम, गुजरात में हुआ . (प्रचलित जन्म तारीख 17 सितम्बर , 1950 है परन्तु मेरी ज्योतिषीय गणना के अनुसार यह सत्य नहीं है और इसपर पहले मैं लेख लिख चुका हूँ)
मेरे अनुसार मोदी की लग्न कुंडली
नरेंदर मोदी एक ऐसे राजनेता हैं जो कभी पराजित नहीं हुए . उनके विकास में निरन्तरता बनी रही और उनके विकास में जो भी बाधक बना वह परास्त हुआ या नेपथ्य में चला गया . उनके ग्रह – गोचर कुछ इस तरह के हैं कि कई बार मोदी के बिना प्रयास किये हुए भी उनके विरोधी स्वतः समाप्त हो गए
लग्न कुंडली में राज्येश चन्द्रमा का भाग्य स्थान अर्थात नवम भाव में बैठना उन्हें अद्भुत राजयोग प्रदान करता है साथ ही गुरु और चन्द्रमा का दृष्टि योग जबरदस्त पराक्रम , राज क्षमता , सृजनात्मक विचार इन सबसे ओतप्रोत बनता है उन्हें .
एकादश भाव में शनि के कारण देर से विद्या की प्राप्ति , लग्न पर उच्च दृष्टि के कारण निरोगी एवं आध्यात्मिक विचारधारा , दुखी लोगो के प्रति सेवा का भाव ये सभी गुण विद्यमान हैं , यह शनि उनके जीवन में अत्यधिक यात्रा और यात्रा के और सेवा के द्वारा लाभ को दर्शाता है , और इन सभी बातों को मोदी के सन्दर्भ में बताने की आवश्यकता नहीं।
छठें भाव में राहु के होने से विरोधियों पर जबरदस्त प्रभाव है , जो भी शत्रुता किया वो गया उदाहरणार्थ : संजय जोशी , केशुभाई पटेल , शंकर सिंह बाघेला आज नेपथ्य में चले गए हैं और पूरी तरह से आश्रित हैं मोदी पर, वर्तमान में अडवाणी और सुषमा स्वराज को झुकना पड़ा और नितीश , मायावती, मुलायम ,अरविन्द केजरीवाल(सीधी टक्कर में ) , मणिशंकर अय्यर , सलमान खुर्शीद जैसे न जाने कितने अधिक विरोध करने की वजह से परस्त हुए और कई तो राजनैतिक मौत मरे गए इसके अलावा प्रमुख विपक्षी राहुल – सोनिया का हाल भी सभी को पता है।
द्वादश भाव में केतु , सूर्य और बुध की एक साथ युति मोदी को जबरदस्त योजनाकार , कूटनीतिज्ञ भ्रमणशील , प्रखर वक्ता , धर्म रक्षक तथा परोपकारी बनता है।
आइये देखते हैं कैसा रहेगा यह वर्ष(17 सितम्बर ,2015 से 16 सितम्बर ,2016) मोदी के लिए
ग्रहों की स्थिति(17 सितम्बर ,2015)
इस वर्ष मोदी के लिए दशा – अंतर आने वाला वर्ष फल
मोदी के लिए वर्तमान में शुक्र की महादशा प्रारंभ चल रही है और चूँकि जन्म के समय लग्नस्थ शुक्र स्वयं के घर में है अतः जबरदस्त राजयोग कारक है , शुक्र के कारण बहुत ख्याति भी है और रहेगी भी .
वर्तमान में मोदी को शुक्र की महादशा , राहू का अंतर और मार्च-2016 तक राहू का ही प्रत्यंतर रहेगा उसके बाद राहू का अंतर और गुरु का प्रत्यंतर रहेगा .
अर्थात इस समय में सबसे अधिक प्रभावी राहू ही रहने वाला है , राहू कुंडली में शनि के अनुसार भी परिणाम देता है . मोदी की लग्न कुंडली में राहू छठें भाव में है और तुला लग्न में राहू मित्रवत होता है अतः मोदी के लिए शुभ परिणाम ही देगा , वर्तमान में राहू उनके द्वादश भाव में है परन्तु नए वर्ष के प्रारंभ में ही यह इनके एकादश भाव में आ जायेगा अर्थात लग्न कुंडली में छठे और वर्तमान में एकादश अर्थात राहू अत्यंत ही सार्थक परिणाम देगा . आने वाले समय विशेष कर मार्च तक मोदी का प्रभाव देश – विदेश हर जगह बढ़ने वाला है . यश , बल और प्रभाव में अत्यधिक वृद्धि करेगा . विरोधियों पर बौद्धिक और कुटनीतिक रूप से बहुत हावी होंगे
बिहार चुनाव में यदि मोदी ही भाजपा के प्रमुख चेहरा रहे और यदि मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं रहा तो जीत लगभग निश्चित है .
परन्तु जब राहू में बृहस्पति का अंतर होगा तब समय कुछ मानसिक तनाव देना वाला होगा अर्थात मार्च 2016 से मोदी के लिए समय कुछ परेशानियाँ पैदा करने वाला होगा .
चूँकि एकादश भाव में राहू और गुरु की युति मध्य अगस्त -2016 तक रहेगी और गुरु मोदी के जन्मकुंडली में तृतीय भाव में वक्री है और गुरु राहू की युति सिंह लग्न में है अतः राहू में गुरु का प्रत्यंतर मानसिक तनाव बढायेगा विशेष कर किसानों की समस्या , खाद्य पदार्थों के मूल्यों में तेजी से जनता में कुछ आक्रोश और पडोसी देश विशेष कर पाकिस्तान से तनाव और अधिक बढ़ने के संकेत हैं . अगले वर्ष मार्च -2016 से अगस्त 2016 के मध्य यदि कोई चुनाव हुआ तो यह मोदी के लिए परीक्षा कारक हो जायेगा और जीत की राह कुछ कठिन ही होगी .
परन्तु कुल मिलाकर यह वर्ष मोदी को बहुआयामी उन्नति, यश और कीर्ति देने वाला होगा इसमें कोई संशय नहीं है .