" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

         राहू गोचर – 2019/ राहु मिथुन में           

 07 मार्च , 2019 (गुरूवार), समय –  रात्रि 02:48

         मिथुन से वृषभ – 23 सितम्बर 2020, प्रातः 5:28

                       

राहू के शुभ प्रभाव : राहु के शुभ प्रभाव से जातक की वाक्पटुता (हाजिरजवाब) बहुत अच्छी होती है | जातक अपने बड़े से बड़े शत्रु को भी मित्र बना लेने की क्षमता रखता है | विकट परिस्थिति से बाहर निकलने की प्रबल क्षमता तथा युक्तिबल काफी अच्छा होता है | राहु के शुभ-प्रभाव से जातक विदेशों में नौकरी करने तथा राजनीति में सफलता के गुण प्राप्त होते हैं | राहु के शुभ प्रभाव से अथक परिश्रम से जातक को थकान नहीं होती है |

राहु के अशुभ प्रभाव : राहु के अशुभ प्रभाव से जातक बहुत अधिक झूठा (मक्कार) हो जाता है | बेवजह, काल्पनिक भय उत्पन्न हो जाता है | कई बार राहु के दुष्प्रभाव से अपयश और कलंक का भागी होना पड़ता है | धोखाधड़ी और छल, कपट की प्रवृत्ति प्रबल होती है | राहु के अशुभ प्रभाव से जातक की वाणी में कठोरता उत्पन्न होती है | व्यक्ति नशे  के कार्य में ज्यादा रूचि लेता है | राहु के अशुभ-प्रभाव से व्यक्ति निष्ठाहीन हो जाता है तथा अपने नैतिक जिम्मेदारी से भटक जाता है | विश्वास का पात्र नहीं रह जाता है |   

यह राशिफल सूर्य या चन्द्र राशि पर आधारित न होकर लग्न पर आधारित है. यह बहुत ही सामान्य आधार पर है अतः किसी विशेष परिस्थिति में अपनी कुंडली की जाँच कराकर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचे . अच्छे या बुरे परिणाम आपकी वर्तमान दशा- अंतर दशा पर निर्भर करते हैं.

मेष: आपके लिए राहु तृतीय भाव में प्रभाव डालेगा | यदि आप रचनात्मक कार्य से जुड़े हैं तो यह समय आपके लिए शुभ, एवं उन्नतिदायक होगा | इस समय आप कुछ उत्कृष्ट रचना कर सकते हैं जो आपको ख्याति दिलाएंगी |

आप पारिवारिक उत्तरदायित्व जिम्मेदारी के साथ निभाएंगे | गृहस्थ सुख उत्तम रहेगा | स्त्री संतान का पूर्ण सुख मिलेगा | भाइयों से कुछ वैचारिक मतभेद एवं मनमुटाव रहेगा | हालाँकि मित्रों से सहयोग तथा प्रेम बना रहेगा | आपको इस समय अपने क्रोध पर नियन्त्रण रखना होगा | स्वास्थ्य तथा आर्थिक स्थिति बेहतर रहेगी |

यदि राहु की दशा भी चल रही है तो भाग्योदय के नए अवसर प्राप्त होंगे | भाइयों, परिजनों एवं मित्रों से धोखा मिल सकता है |

वृषभ: वृषभ लग्न के लिए राहु द्वितीय भाव, मिथुन राशि में रहेंगे | यहाँ राहु स्वग्रही होगा | आर्थिक स्थिति बेहतर रहेगी. वाणी मधुर एवं स्वास्थ्य अच्छा रहेगा |

यदि वैवाहित है तो ससुराल से लाभ मिलेगा | घर परिवार का पूर्ण सुख मिलेगा | नए वाहन के योग बनेंगे | बुद्धिबल तेज़ रहेगा अतः चतुराई से निर्णय लेंगे | एक से अधिक सम्बन्ध बन सकते हैं | शत्रुओं पर संघर्ष के बाद विजय प्राप्त की जा सकती है |

मिथुन: मिथुन लग्न के लिए राहु प्रथम भाव में रहेंगे | राहु आपके लग्न स्वामी बुध का मित्र है अतः शुभ फलदायी रहेगा | राहु अपनी ही राशि में रहेगा इसलिए बौद्धिक स्तर बेहतर रहेगा | आप कोई भी निर्णय बहुत सोच समझकर लेंगे | विचारों में स्वतंत्रता रहेगी | धैर्य बना रहेगा को भी कार्य में आप जल्दबाजी नहीं दिखायेंगे |

सभी के साथ स्नेह तथा समझौतावादी दृष्टिकोण रहेगा परन्तु गृहस्थ सुख में कुछ कमी रहेगी |

भौतिक सुख सुविधाएं की कमी नहीं रहेगी | कार्य व्यापार में उन्नति के योग बनेंगे | यदि नौकरी पेशा हैं तो प्रमोशन हो सकती है | इस समय धन की आवक अच्छी रहेगी साथ ही खर्चे बहुत बढे चढ़े रहेंगे |

कुल मिलकर राहु का गोचर आपके लिए सुखप्रद रहेगा |

कर्क: कर्क लग्न के लिए राहु द्वादश भाव में रहेगा | राहु के कारण इस समय यात्राएं अधिक होंगी परन्तु सार्थक नहीं होंगी | खर्चे आशा से अधिक होंगे यदि खर्चों पर आपका नियंत्रण नहीं रहेगा तो क़र्ज़ लेने की स्थिति भी आ सकती है |

धन की चिंता के कारण मानसिक तनाव रहेगा | धन कमाने के अनैतिक मार्ग आकर्षित करेंगे जिससे आपको बचना है | इस समय किसी को उधार देने से भी बचें अन्यथा गया हुआ धन वापिस नहीं मिलेगा |

सिंह : सिंह लग्न के लिए राहु एकादश भाव में रहेगा | इस समय राहु अपनी शत्रु राशि में होगा | राहु की यह स्थिति राजयोगकारी है | विपरीत परिस्थितियों में भी आप आगे बढ़ेंगे | रहस्यमयी विद्याओं में रूचि बढ़ेंगी | विद्यार्थियों के लिए अनुकूल समय नहीं है | पढाई में मन नहीं लगेगा तथा मन विचलित रहेगा | विद्या में बाधा आने के योग हैं | भूमि को लेकर यदि कोई वाद विवाद चल रहा हो तो विजय प्राप्त होगी | नई संपत्ति खरीदने के योग बन रहे हैं | कान सम्बन्धी रोग हो सकता है |

राहू की दशा अन्तर्दशा भी यदि चल रही हो तो सरकारी कार्यों में सफलता अथवा सरकार से सहयोग , मान सम्मान एवं धन प्राप्ति संभव है |

कन्या: कन्या लग्न के लिए राहु दशम भाव में रहेगा | कन्या लग्न के स्वामी बुध राहु का मित्र होने के कारण राहु हानि नहीं करेगा | मिथुन राशि राहु की स्वराशी है | यहाँ राहु राजयोग प्रदाता है | इस ससमय आपको धन , यश एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी | यदि राजनीति में हैं तो आपका महत्वपूर्ण हस्तक्षेप रहेगा |

इस समय आप जोखिम भरे कार्य हाथ में लेने से नहीं डरेंगे | भवन एवं वाहन का सुख मिलेगा | एक से अधिक संबंधों की संभावना रहेगी |

राहु की दशा अन्तर्दशा भी यदि चल रही है तो उन्नति के योग बनेंगे |

तुला: तुला लग्न के लिए राहु नवं भाव में रहेंगे | यहाँ राहु अपनी मित्र राशि में है क्योंकि लग्न स्वामी शुक्र राहू का मित्र ग्रह है | इस समय भौतिक सुविधाओं तथा पराक्रम में वृद्धि होगी |

स्वभाव साहस तथा वीरता की अधिकता रहेगी | किसी भी जोखिम भरे कार्य को करने में आप ज़रा भी नहीं हिचकिचाएंगे | बौद्धिक स्तर अच्छा रहेगा | निर्णय लेने में बुद्धिमता का परिचय देंगे |

राहु की दशा भी यदि चल रही हो तो भाग्योदय के अवसर प्राप्त होंगे | पदोन्नति के योग बनेंगे. धन की प्राप्ति होगी | यदि कुंडली में “काल सर्प योग” न हो तो दशा शुभफलदायी रहेगी |

वृश्चिक: वृश्चिक लग्न में राहु नीच का माना गया है. यहाँ राहु उद्विग्न रहता है. वृश्चिक लग्न में राहु अष्टम भाव में रहेगा जो आपके साहस एवं प्रतिभा को बढ़ावा देगा | आप जिस भी क्षेत्र में कार्य कर रहे हों आपकी प्रतिभा निखरेगी एवं प्रशंसा मिलेगी | विपरीत परिस्तिथियों का सामना करते हुए आप आगे बढ़ेंगे तथा सफलता एवं यश प्राप्त करके अपने कुल खान दान का नाम रोशन करेंगे |  इस समय  शत्रुओं का नाश करने में आप सफल रहेंगे परन्तु स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा |

यदि राहु की दशा अन्तर्दशा भी चल रही हो तो यह समय आपके लिए शुभफलदायी रहेगा |

धनु: धनु लग्न के लिए राहु की यह स्थिति शुभ नहीं है क्योंकि धनु में राहु नीच का माना गया है | राहु आपके लग्न स्वामी गुरु का शत्रु भी है | आपके लिए राहु सप्तम भाव मिथुन राशि में होगा | विवाह योग्य जातकों के विवाह में विलम्ब होगा | वैवाहिक जातकों को स्त्री एवं संतान सुख मिलेगा | खर्चे बढ़ेंगे जिसके कारण ग्रह कलेश होगा | प्रेम संबंधों में निराशा मिलेगी |परिश्रम के साथ किये गये प्रयासों में सफलता मिलेगी | स्वभाव में थोड़ी उग्रता बढ़ेगी अतः संयम से काम लें.

यदि राहु की दशा अन्तर्दशा भी चल रही है तो मिश्रित फलदायी होगी |

मकर : मकर लग्न स्वामी शनि से सम भाव रखने के कारण राहू आपको मिश्रित फल देगा | मकर लग्न के लिए राहु छठे भाव में होकर राजयोग प्रदाता है |

इस समय आप अपने शत्रुओं पर हावी रहेंगे | कोर्ट कचेहरी के मामलों में सफलता तथा बाधाओं से मुक्ति मिलेगी | स्वास्थ्य अच्छा रहेगा , यदि कोई रोग होगा भी तो ठीक होने की प्रबल संभावना रहेगी |

खर्चे बढ़ेंगे तथा स्वभाव में साहस तथा वीरता की अधिकता रहेगी | आप निर्भीक होकर निर्णय लेंगे तथा अपने कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे |

यदि राहु की दशा अन्तर्दशा भी चल रही है तो शुभ फलों की प्राप्ति होगी |

कुम्भ: कुम्भ लग्न स्वामी शनि से सम भाव रखता है | आपके लिए राहु पंचम भाव में रहेगा जो आपको संतान सम्बन्धी चिंता देगा | विद्यार्थियों के लिए समय ठीक नहीं है | कोई बाधा आ सकती है परन्तु चिंता न करें विद्या एवं बुद्धि के बल पर आप अपने क्षत्र में दक्षता प्राप्त करेंगे |

भाइयों के साथ वैचारिक मतभेद तथा कार्य व्यापार में रुकावट आ सकती है | इस ससमय वाणी मधुर रहेगी. चतुरता के साथ अपने बिगड़े हुए कार्य पूरा करेंगे | बुद्धिबल सामान्य से अधिक रहेगा | यदि राहु की दशा अन्तर्दशा भी चल रही है तो शुभ फलों की प्राप्ति होगी परन्तु विशेष परिश्रम के साथ |

मीन: मीन लग्न के लिए राहु की यह स्थिति शुभ नहीं है | आपके लग्न स्वामी गुरु के साथ राहु शत्रु भाव रखता है अतः राहु यहाँ नीच का माना गया है | आपके लिए राहु चतुर्थ भाव में रहेगा | मिथुन राशि में राहु उच्च का माना गया है | धन के लिए राहु की यह स्थिति अच्छी है परन्तु सुख की अनुभूति नहीं होगी | भूमि , भवन एवं वाहन सुख के लिए समय अनुकूल है परन्तु सभी भौतिक सुख सुविधाओं के होते हुए भी परेशानी बढ़ेग | पिता के साथ वैचारिक मतभेद बढ़ेंगे |

सरकारी क्षेत्र या राजनीति में आपका प्रभाव बढेंगी | एक से अधिक सम्बन्ध बन सकते है |

यदि राहु की दशा अन्तर्दशा भी चल रही है तो यह समय मिश्रित फलदायी रहेगा |

राहू का उपचार 

  • राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए जातक को काले कपड़े, खट्टे फल, सरसों का तेल, तिल का तेल, गुड़ इत्यादि इन सब चीजों का दान करें |
  • गाय को हरा चारा खिलाने से राहु का प्रभाव कम होता है | राहु के जितने दुर्गुण हैं जैसे – झूठ बोलना, छल-कपट, लाचार व्यक्ति के प्रति हीन भावना इत्यादि बुरे कर्मों से दूर रहें |
  • सेहत के दृष्टिकोण से राहु वायु तत्व का करक है | जिसके कारण बदहजमी, कब्ज, इत्यादि की समस्या उत्पन्न होती है | इससे बचने के लिए – गोभी, मटर, पनीर, राजमा, इत्यादि इन सब चीजों का खाने में कम से कम प्रयोग करें तथा रात के समय इन सबका बिल्कुल ही प्रयोग ना करें | हरी चीजों का अधिक से अधिक सेवन करें |
  • बुद्धि-विवेक पर राहु का दुष्प्रभाव हो तो उससे बचने के लिए जातक को ‘भ्रामरी’ और ‘शीतलीकरण’ प्राणायाम करना चाहिए |
  • यदि राहु का प्रकोप बहुत ज्यादा है तो इसके लिए “राहु शान्ति” का अनुष्ठान करावें | तथा रविवार के दिन दोपहर के समय “भगवान भैरव जी” के दर्शन करने से आपको लाभ मिलेगा |  तथा राहु के प्रभाव से जो विकट बाधा उत्पन्न होने वाली है, वो दूर हो जायेगी |
  • व्यापारिक और नौकरीपेशा में राहु का प्रकोप हो, तो उसके लिए जातक “भगवान गणेशजी” की पूजा करें, तथा उन्हें दुर्वा चढ़ाएँ | और भगवान “गणेशजी” का अनुष्ठान करवाएं |
  • जो लोग रत्न धारण करना चाहते हैं और उनके बुद्ध की स्थिति अच्छी है, वे लोग पन्ना धारण कर सकते हैं |      

 

शुभम भवतु !

ज्योतिषविद पं. दीपक दूबे  

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