" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Rakshabandhan /Rakhi /रक्षाबंधन / राखी

Click here for Rakshabandhan 2017/ रक्षाबंधन 2017 के लिए क्लिक करें 

Shubh Mahurt for Rakshabandhan 2016/रक्षाबंधन 2016 के लिए शुभ महूर्त

18 अगस्त (बृहस्पतिवार), 2016

05:55 से 14:56 तक

अपराह्न काल में रक्षाबंधन 2016  के लिए शुभ महूर्त

13:42 से 14:56

 

 (वर्ष 2016 में रक्षाबंधन के दिन भद्रा सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाएगी)

पूर्णिमा तिथि

  17 अगस्त ,16:27 से 18 अगस्त, 16:56  तक

रक्षाबंधन से सम्बंधित पूजा के लिए हिन्दू पंचांग अनुसार दोपहर के बाद का समय (अपराह्न ) ही सर्वश्रेठ माना गया है. अपराह्न के बाद रक्षाबंधन के लिए केवल प्रदोष काल ही उपयुक्त  है.

रक्षाबंधन के लिए सबसे अधिक अनुपयुक्त समय भद्रा माना गया है. भद्रा काल हिन्दू वेदों के अनुसार किसी भी तरह के शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है, इसीलिए जहाँ तक हो सके भद्रा काल में रक्षा बंधन से सम्बंधित कोई भी पूजा नहीं करनी चाहिए.

उत्तर भारत के कई प्रान्तों में प्रातः काल में राखी/ रक्षा सूत्र बंधने की प्रथा है. यहाँ ये बात ध्यान देने लायक है कि पूर्णिमा तिथि के पूर्वार्थ में भद्रा काल होता है. अतः रक्षा सूत्र या राखी बंधने और पूजन के समय के लिए भद्रा काल के समाप्त हो जाने की प्रतीक्षा करनी चाहिए.

Click Here For Rakshabandhan Katha/रक्षाबंधन से सम्बंधित कथा के लिए क्लिक करें

 


Puja of this Month
New Arrivals
Copyright © 2017 astrotips.in. All Rights Reserved.
Design & Developed by : v2Web