" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

 shubh laabh

व्यापार सम्बंधित शुभ महूर्त  

 shubh laabh

 

छोटे व्यापारिक कार्य करने हेतु

वार रवि, सोम, बुध, गुरु, शुक्र
मास क्षय मास, मल मास, अधिक मास में वर्जित
पक्ष शुक्ल पक्ष
तिथियाँ द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, द्वादशी, त्रयोदशी
नक्षत्र अश्विनी, रोहिणी,मृगशिर,  पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराभाद्रपद, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, हस्त, चित्रा,स्वाति, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद,  रेवती
लग्न कुम्भ लग्न को छोड़कर सभी शुभ लग्न

बड़े व्यापारिक कार्य करने हेतु

वार बुधवार, गुरुवार , शुक्रवार
मास क्षय मास, मल मास, अधिक मास में वर्जित
पक्ष कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा शुक्ल पक्ष
तिथियाँ द्वितीया,  पंचमी,  सप्तमी, द्वादशी, त्रयोदशी
नक्षत्र पुनर्वसु, उत्तराभाद्रपद, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा,
हस्त, चित्र
लग्न शुभ लग्न / केंद्र में शुभ ग्रह / तीसरे, छठे एवं ग्यारहवे भाव में पाप ग्रह शुभ माना गया है
विशेष बड़े स्तर के व्यापार को आरम्भ करने हेतु जन्म कुंडली की जांच अवश्य करा लें. लग्न, ग्रहों की स्तिथि, महादशा एवं अन्तर्दशा अवश्य देख लेनी चाहिए.

बहीखाते शुरू करने हेतु शुभ महूर्त

वार मंगलवार , शनिवार  को छोड़कर सभी दिन शुभ हैं
मास क्षय मास, मल मास, अधिक मास में वर्जित
पक्ष कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा शुक्ल पक्ष
तिथियाँ द्वितीया, तृतीया, पंचमी,  सप्तमी, अष्टमी, दशमी, द्वादशी, त्रयोदशी, पूर्णिमा
नक्षत्र अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा,  पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराभाद्रपद, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, हस्त, चित्रा, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा,  रेवती
लग्न मेष, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, मकर/ केंद्र त्रिकोण में
शुभ गृह/ तीसरे, छठे या ग्याहरवें घर में पाप ग्रह
विशेष विजयादशमी, दीपावली, अक्षयतृतीया, आश्विन शुक्ल, चैत्र शुक्ल, प्रतिपदा और धनतेरस के दिन बिना महूर्त देखे
ही शुभ दिन माने  जाते हैं.

सोने चांदी से सम्बंधित व्यापार हेतु शुभ महूर्त

वार मंगल, शनि को छोड़कर सभी दिन शुभ हैं
मास क्षय मास, मल मास, अधिक मास में वर्जित
पक्ष दोनों पक्षों में
तिथियाँ प्रथमा , पंचमी,षष्ठी,  सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, द्वादशी, त्रयोदशी, पूर्णिमा
नक्षत्र रोहिणी, कृतिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य,  हस्त, चित्रा, स्वाति, श्रवण,  रेवती
लग्न केंद्र में स्थिर लग्न/ त्रिकोण में शुभ ग्रह/तीसरे, छठे, और ग्याहरवें घर में पाप ग्रह

लकड़ी के व्यापार हेतु शुभ महूर्त

वार रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरूवार
मास क्षय मास, अधिक मास में वर्जित
पक्ष कृष्ण पक्ष 1, शुक्ल पक्ष
तिथियाँ द्वितीया, तृतीया, पंचमी,अष्टमी, दशमी, द्वादशी, त्रयोदशी
नक्षत्र अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु,  पुष्य, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा,  रेवती
लग्न स्थिर लग्न/ त्रिकोण में शुभ ग्रह/ तीसरे, छठे एवं
ग्याहरवें घर में पाप ग्रह

प्रिंटिंग प्रेस,पुस्तक,प्रकाशन, समाचार पत्र सम्बंधित कार्य आरम्भ

करने हेतु शुभ महूर्त

वार बुधवार , गुरुवार , शुक्रवार
मास क्षय मास, मल मास, अधिक मास त्यागकर
पक्ष शुक्ल पक्ष
तिथियाँ द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी,अष्टमी,दशमी, द्वादशी, त्रयोदशी, पूर्णिमा
नक्षत्र अश्विनी, भरणी, कृतिका, रोहिणी, विशाखा, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, रेवती
लग्न स्थिर लग्न/ त्रिकोण में शुभ ग्रह/ तीसरे, छठे एवं
ग्याहरवें घर में पाप ग्रह

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