" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Characteristics Of Sagittarius/ Sagittarius Facts/ Zodiac Sign SagittariusSagittarius Personality/  Sagittarius Traits/ Dhanu Lagna/ धनु लग्न की चारित्रिक विशेषताएं / धनु लग्न के जातक/ धनु  लग्न की विशेषताएं/ धनु लग्न

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धनु लग्न के नक्षत्र एवं विशेषताएं 

 मूल नक्षत्र  (चारों चरण), पूर्वाषाढ़ा (चारों चरण)  तथा, उत्तराषाढ़ा (प्रथम चरण) के  संयोग से धनु लग्न बनता  है.

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 लग्न स्वामी : गुरु 
 लग्न तत्व: अग्नि
 लग्न चिन्ह :दो हाथ और चार पैर वाला धनुर्धारी
 लग्न स्वरुप: द्विस्वभाव 
 लग्न स्वभाव: क्रूर
 लग्न उदय: पूर्व
 लग्न प्रकृति: पित्त प्रकृति 
 जीवन रत्न: पुखराज 
 अराध्य:भगवान् विष्णु
 लग्न गुण : सतोगुण  
 अनुकूल रंग: पीला  
 लग्न जाति: क्षत्रिय
 शुभ दिन: बृहस्पतिवार  
 शुभ अंक: 3
 जातक विशेषता: लक्ष्य प्राप्ति की चेष्टा 
 मित्र लग्न :मेष ,सिंह   
 शत्रु लग्न : कर्क, वृश्चिक , मीन 
 लग्न लिंग: पुरुष 

धनु लग्न के स्वामी बृहस्पति  हैं जो देवताओं के गुरु माने गये हैं. बृहस्पति के प्रभाव के कारण धनु लग्न में जन्मे जातक धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं.  अधिकारप्रिय, करुणामय और मर्यादापूर्वक व्यवहार इनका स्वभाव है. इस लग्न में जन्मे जातक गेहुएं रंग , विशाल नेत्र ओर उन्नत ललाट वाले बुद्धिजीवी होते हैं.

धनु राशि में जन्में जातक बड़े  कद के और सुगठित देह वाले होते हैं। इनके चेहरे की बनावट को देखकर लगता है मानो किसी कलाकार ने कोई कलाकृति बनाई हो। इनकी नासिका का अगला भाग  नुकीला तथा गर्दन लम्बी होती है। कुल मिलाकर इन्हें सुदर्शन कहा जा सकता है।

आप अध्यन में विशेष रूचि रखते हैं. धनु लग्न में जन्मे जातक प्रायः स्वस्थ होते हैं . स्वभाव से शांत परन्तु अभिमानी और धार्मिक होते है. धनु लग्न के जातक अत्यंत बुद्धिमता का परिचय देते हुए अपने जीवन के कार्यों को पूरा करते हैं. आप अपने आदर्शों और सिद्धांतों  पर अडिग रह कर जीवन में सांसारिक सुखों का भोग करने में सफल होते है.

धनु लग्न के जातक अपने कार्यों को नियमों के अनुसार करना हे पसंद करते हैं , आप दूसरों के लिए आदर्श होते हैं परन्तु अपने किसी कार्य के लिए आप दूसरों पर विश्वास नहीं करते. स्वभाव से दानी ओर समाज में मान प्रतिष्ठा पाने में आप कामयाब होते हैं. गणित , राजनीति , क़ानून एवं ज्योतिष जैसे विषयों में आपकी रूचि रहती है तथा अपने परिश्रम से आप इन क्षेत्रों में सफलता भी अर्जित करते हैं.

ऐसे जातक प्रायः दार्शनिक विचार के हेाते हैं। आस्तिकता का पुट भी इनमें कुछ अधिक होता है, इसलिए पुरानी रूढ़ियों में जकड़े रहना इनकी नियति बन जाती है। ये सहज ही दूसरों पर विश्वास कर लेते हैं, पर दूसरे लोग इनकी इस सादगी का अनुचित लाभ उठाते हैं, फलतः इन्हें धोखा भी खाना पड़ता है। बनावट से ऐसे जातक कोसों दूर भागते हैं. प्रायः लोग इन्हें समझने मे भूल कर जाते है।

धनु लग्न में जन्मे जातक दूसरों के प्रति द्वेष या इर्ष्या की भावना नहीं रखते हैं . अपने अथक परिश्रम  तथा धैर्य के कारण आप जीवन में सफलता अर्जित करते हैं. आप विरोधी पक्ष से भी उदारता ओर सम्मान के भाव से मिलते हैं जिसके कारण समाज में आपका आदर होता है.

आर्थिक रूप से आपकी  स्तिथि समान्यतः सुदृढ़ हे रहती है तथा आप दूसरों की आर्थिक मदद से भी नहीं हिचकिचाते हैं. आपके स्वभाव में तेजस्विता स्वाभाविक रूप से दिखती है परन्तु यदा कदा उग्रता का भी आप प्रदर्शन करते हैं. राजनीती के क्षेत्र में आप सफलता अर्जित कर सकते हैं. राजकार्य या सरकारी सेवाएं भी आपके लिए अनुकूल हैं परन्तु श्रेष्ठ ओर अनुसंधान कार्यों में ही आपकी रूचि रहेगी और  इन्ही कार्यों के द्वारा आपकी प्रतिष्ठा भी बनेगी.

धनु लग्न के जातकों की धर्म के प्रति पूर्ण आस्था होती है. जीवन में कई बार आप तीर्थ यात्रा करेंगे. अपनी व्यवहार कुशलता के कारण आप अपने  मित्रों और  सहयोगियों के प्रिय तथा सम्मानीय होते हैं. जीवन में कई बार आपको अपने करीबियों से इच्छित सहयोग की प्राप्ति होती है. धनु लग्न के जातक अपने लक्ष्य के प्रति बहुत सचेत और चेष्टावान होते हैं. पूर्ण एकाग्रता के साथ लक्ष्य भेदन की कला में आप निपुण होते हैं.  धनु लग्न के पुरुष अल्प्संतती वाले होते है. बचपन में आर्थिक तंगी को झेलते हैं. व्यवसाय ओर प्रेम दोनों ही क्षेत्रों में शत्रुओं का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें : बृहस्पति शांति के उपाय 


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