" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Naag Panchami 2020 /नाग पंचमी 2020

 Naag Panchami Puja Mahurt 2020/नाग पंचमी पूजा महूर्त 2020

25 जुलाई  (शनिवार , 2020)

पूजा महूर्त -प्रातः 05:38 से 8:22 तक

 पंचमी तिथि

24 जुलाई 02:35 PM से 25 जुलाई  2.02 PM तक

नाग पंचमी पर कराएं “काल सर्प दोष निवारण पूजा” 

भारतीय संस्कृति में मनुष्य को प्रकृति से जोड़ने का प्रयास किया है। जिसमे पेड़ पोधे और प्राणी को पूजने का विधान है। भारतीय वेद पुराण मे सर्प को देवता की उपाधि दी है। सर्पों को शक्ति और सूर्य का अवतार माना जाता है।

महर्षि पाराशर मुनि ने अपनी बृहद पाराशर ग्रंथ मे सर्प दोष का वर्णन किया है। जिसे आज कल लोग कालसर्प दोष’ से जानते है। जिसका अर्थ मानव के भाग्यादोय मे सर्प देवता की भी भूमिका है। आप के जीवन मे कितने भी शुभ योग हो राजयोग हो अगर राहु केतु जो की सर्प है उन्होने रोक लगाई तो जातक को शुभ ग्रहों का फल नही मिलता। पितृ दोष जो सब से प्रभाव शाली दोष है वो भी राहु केतु के कारण बनता है। इसलिए राहु केतु को नौ ग्रहों मे स्थान दिया है। हर महिने की पंचमी तिथि के देवता सर्प है। सर्प की मानव जीवन मे महत्व पूर्ण भूमिका है इसलिए भारत मे ‘नाग पंचमी‘ को पर्व के रूप मे मानते है।

श्रावण  मास के  शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ‘नाग पंचमी‘ मनाने का विधान है. इस दिन विधि विधान से नाग देवता की  पूजा की जाती है और उन्हें ढूध अर्पित किया जाता है. नाग पंचमी पर स्त्रियाँ नाग देवता से अपने परिवार और विशेषकर भाईओं के सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार श्रवण माह की पंचमी तिथि नाग देवता की पूजा के लिए बहुत पवित्र तिथि है.  ऐसा माना जाता है यदि इस दिन किसी भी नाग की पूजा की जाये तो वह नाग देवता तक पहुंचती है.

नाग जाति का जन्म

 पांडवों के पुत्र परीक्षित को जब तक्षक नाग ने काटा तो उनकी मृत्यु हुई इस कारण जनमेजय ने अपने पिता का प्रतिशोध लेने के लिए सर्प यज्ञ कर सम्पूर्ण सर्प को मारने का प्रण लिया जिससे सारे सर्प यज्ञ मे आकर गिरने लगे। परन्तु तक्षक के द्वारा क्षमा मांगने जनमेजय ने उन्हे क्षमा किया और आशिर्वाद के रूप मे श्रावण मास की पंचमी को नाग देवता का पूजन करने का  का आशीर्वाद दिया. इस दिन नाग देवता का पूजन करने से “नाग दोष ” से मुक्ति मिलती है.

नाग पंचमी पूजन विधि

इस दिन नाग देवता के मन्दिर जाकर पूजन दर्शन करना चाहिए। मिटटी में  सर्प के घर का भी पूजन किया जाता  है।

इस दिन सर्प का दर्शन करना भी शुभ होता है। शिव पूजन भी करना शुभ होता है। जिसे राहु केतु की पीड़ा है उन्हें विशेषकर इस दिन राहु केतु के शांति के उपाय  करना चाहिए।


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