शनि जयंती पर ‘सामूहिक तैलाभिषेक‘ बुक कराएं
शनि अमावस्या या शनि जयंती को भगवान शनि के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह दिन वैशाख मास की अमावस्या तिथि है । ज्योतिष में भगवान शनि को कर्म के भगवान के रूप में जाना जाता है।
जीवन की वास्तविकता यह है कि हमारा जीवन पथ हमारे कर्मों द्वारा तय किया जाता है और शनि ग्रह को हमारे कर्म का फल देने की जिम्मेदारी दी गई है । कई लोग गलत धारणाओं के कारण शनि से डरते हैं लेकिन शनि से डरना नहीं चाहिए । शनि केवल हमें वापस वही देता है जो हमने अपने पिछले जन्मों में दुनिया और दूसरों को दिया है।
1. शनि को प्रसन्न करने के लिए दान सबसे अच्छा उपाय है। दान हमेशा धन के रूप में नहीं होता है बल्कि यह आपका समय और प्रयास भी हो सकता है। गरीब असहाय बच्चों को मुफ्त में पढ़ाना तथा उनकी सहायता कर के भी शनि को प्रसन्न किया जा सकता है.
2. आप इस दिन व्रत भी रख सकते हैं। अगर आप व्रत नहीं रख रहे हैं तो भी शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता दें। हमारी मन और शरीर वही बनते हैं जो हम खाते हैं। मांसाहारी आहार में तामसिक प्रवृत्ति जन्म देती है ।
3. शनि आपके जीवन में बुजुर्ग व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। आपको अपने वरिष्ठों और माता-पिता का आशीर्वाद लेना चाहिए। इस दिन विशेष रूप से उनकी सेवा करने से आपको शनि dev से आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
4. शनि मंत्र “ओम् शनैश्चराय नमः” का उच्चारण करें। आप शनि स्त्रोत का जाप भी कर सकते हैं।
5. यदि आपके घर में शिवलिंग है, तो आपको उसका अभिषेक जल और दूध से करना चाहिए।
6. हनुमान चालीसा का जाप करें।
7. भगवान शनि धैर्य और परिश्रम के कारक हैं अतः आपको धैर्यवान होना चाहिए और सर्वश्रेष्ठ फल प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए तथा सभी के साथ के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करना चाहिए.
स्मृति बंसल
AstroTips Team