शुक्र 19 मई को अपनी राशि वृषभ में प्रवेश कर रहा है परन्तु यह अपने इस वृषभ गोचर के दौरान अस्त ही रहेगा , मिथुन राशि में यह 13 जून को अस्त अवस्था में ही प्रवेश करेगा , अस्तगत ग्रहों के शुभ या अशुभ प्रभावों में अत्यंत कमी हो जाती है साथ ही यह वक्री मंगल और वक्री शनि से दृष्ट भी होगा अतः कुछ दूषित परिणाम देगा . इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर ही राशिफल दे रहा हूँ.
देखें विडियो
मेष : दूसरे भाव और सप्तम भाव का स्वामी शुक्र अब आपके दूसरे भाव में प्रवेश करेगा . इसके कारण वाणी निस्तेज होगी . विनम्रता रहेगी परन्तु प्रभाव और ओज नहीं रहेगा . अपने प्रेम संबंधों या जीवन साथी के साथ प्रेम में कुछ कमी महसूस होगी परन्तु दूसरों के प्रति आकर्षण बढेगा . आय के मामलों में वृद्धि होगी . लेखकों और कवियों के लिए सफलता के योग हैं . यदि शुक्र की ही दशा या अंतर हो तो वैवाहिक प्रस्ताव आ सकते हैं .
जानिये क्यों माना गया है “निर्जला एकादशी” को सर्वश्रेष्ठ
वृष : लग्नेश और षष्टेश शुक्र अब आपके लग्न में आ रहा है , हालाकि यह अस्त है फिर भी इसका कुछ शुभ प्रभाव तो पड़ेगा ही. मन में उत्साह बढेगा . प्रेम संबंधों के लिए यह समय उपयुक्त होगा और नए सम्बन्ध भी उत्पन्न हो सकते हैं . पारिवारिक सुख की अनुभूति होगी . भौतिक वस्तुओं के प्रति रुझान खूब बढेगा और संभव है इस दौरान आप अपने ऊपर खूब खर्च करें . शुक्र से सम्बंधित कार्य करने वालों को बहुत लाभ होगा और ख्याति मिलेगी . कुल मिलाकर यह शुक्र अस्त होते हुए भी आपको उदित करेगा .
जानिये वैशाख मास की उत्तम एकादशी- “मोहिनी एकादशी” के बारे में
मिथुन : मिथुन लग्न में शुक्र द्वादश और पंचम भाव का स्वामी है जो अब आपके द्वादश भाव में आएगा , बहुत अनावश्यक के खर्च संभावित हैं कई लोग अपना धन वासना पूर्ति के लिए भी करेंगे . काम वासना और ऐशो आराम के प्रति रुझान बहुत बढ़ सकता है विशेष कर जिनकी जन्म कुंडली में भी शुक्र दूषित हो. इस समय यात्रायें खूब होगी , कुछ लोगों को जलमार्ग से यात्रा करने का अवसर भी मिल सकता है. संतान के मामले में भी यह शुक्र कुछ नकारात्मक परिणाम देने वाला होगा . कर्ज लेने से बचें.
Book your Telephonic Consultancy with Pt Deepak Dubey Now!
कर्क : यहाँ शुक्र चतुर्थ और एकादश भाव का स्वामी है जो अब आपके एकादश भाव में ही प्रवेश कर रहा है . पारिवारिक सुख में कुछ कमी की अनुभूति होगी संतान के लिए यह स्थिति बिलकुल ही अच्छी नहीं है , गर्भवती महिलायें अपना विशेष ध्यान रखें . आय में कुछ वृद्धि हो सकती है परन्तु स्थिरता का अभाव रहेगा . प्रेम पाने का प्रयास तो करेंगे लेकिन इस समय इससे वंचित हो सकते हैं जिससे मन अशांत रहेगा . कार्यों में कुछ बाधा भी उत्पन्न होगी . अपनी मा के स्वास्थ्य का ख्याल रखें .
जानिये नक्षत्रों के द्वारा अपने गुण और स्वभाव के बारे में
सिंह : सिंह लग्न के जातकों के लिए शुक्र दशम भाव और तृतीय भाव का स्वामी है जो अब दशम भाव में आ रहा है , शुक्र की यह स्थिति शुभ है परन्तु शुक्र स्वयं अस्त है और दो पाप तथा वक्री ग्रहों से दृष्ट है अतः उतना शुभ प्रभाव नहीं दे पायेगा फिर भी यदि शुक्र की दशा – अंतर हो तो कुछ लाभ अपने से बड़े लोगों से या उच्च अधिकारीयों से अवश्य मिलेगा . प्रेम के प्रति रूचि स्वाभाविक रूप से बहुत बढ़ेगी . शुक्र से सम्बंधित कार्य करने वालों की आर्थिक प्रगति अवश्य होगी.
Get Your “Complete Kundali Analysis” By mail
कन्या : कन्या लग्न के जातकों के लिए शुक्र अत्यंत ही योगकारक ग्रह है क्योंकि यह दूसरे स्थान और नवं स्थान का स्वामी है जो अब आपके नवम भाव में अपनी स्वराशि में आएगा . इससे आपके भाग्य और आय में कुछ वृद्धि अवश्य होगी . अपने विरोधियों को शांत करने में सफल होंगे परन्तु विवाद से नहीं बल्कि सूझ – बुझ से . हालाकि शुक्र अपनी ही राशि पर है फिर भी इसकी वर्तमान स्थिति को देखते हुए मैं किसी भी प्रकार के बड़े आर्थिक फैसलों से बचने की सलाह दूंगा . स्त्री जातकों के अपमान या से बचें अन्यथा बहुत हानि होगी इस समय .
Read also “Venus Transit In Pisces”
तुला : तुला लग्न के जातकों के लिए शुक्र लग्नेश और अष्टमेश है और इस समय यह अष्टम में प्रवेश करेगा . स्वास्थ्य को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता है या यूँ कहूँ कि थोडा सावधान रहिये . इस समय आपको विरोधियों से लाभ की स्थिति बनेगी . जबतक शुक्र आपके अष्टम में रहे किसी के लिए मजाक में भी अशुभ और गलत शब्दों का प्रयोग ना करें क्योंकि इसके सच होने की बड़ी प्रबल सम्भावना रहेगी . जीवन साथी के साथ मिलकर या सलाह से काम करने पर बहुत लाभ होगा .
View “Diwali Pooja Calender 2016“
वृश्चिक : वृश्चिक लग्न में शुक्र द्वादश और सप्तम भाव का स्वामी है जो अब आपके सप्तम भाव में आ रहा है . इस समय आपकी संगती विपरीत लिंग के जातकों से परन्तु गलत लोगों से होनी संभावित है अतः नए सम्बन्ध बनाते समय बेहद सावधान रहें . कुछ लोगों को अपने जीवन साथी से कोर्ट कचहरी के स्तर तक का विवाद संभावित है . नए कार्यों को प्रारम्भ करने की सलाह नहीं रहेगी इस समय . जो जैसा चल रहा है उसे यथास्थिति बनाये रखने का प्रयास करें . काम वासना के कारण बदनामी का योग बनेगा . ह्रदय रोगी सावधान रहें .
View All Transit Dates of 2016
धनु : छठें और एकादश भाव का स्वामी शुक्र अब आपके छठें भाव में आएगा . कर्ज से मुक्ति के मार्ग खुलेंगे. विवाह योग्य जातकों के लिए यह शुक्र विलम्ब कराएगा और प्रेम संबंधों में कुछ कटुता लाएगा . इस समय बहुत अधिक रुझान गलत अनावश्यक के व्यय की ओर रहेगा . यात्रायें खूब हो सकती हैं. परन्तु मन अशांत रहेगा , यदि शुक्र की कोई भी दशा हो तो यह प्रभाव और अधिक होगा . इस समय कर्ज वैसे तो चुकाने की स्थिति में होंगे परन्तु किसी भी हाल में कर्ज लेने से बचें .
वैवाहिक जीवन में समस्या हो तो “माँ कात्यायनी अनुष्ठान” के लिए यहाँ क्लिक करें
मकर : मकर लग्न में शुक्र पंचम और दसम स्थान का स्वामी है जो अब पंचम भाव में प्रवेश करेगा . बौद्धिक क्षमता तो बढ़ेगी लेकिन उसमे थोड़ी शिथिलता भी रहेगी . तुरंत कोई निर्णय नहीं ले पाएंगे या निर्णयों को जानते – समझते भी टालेंगे और समझौता वादी विचारधारा रहेगी. शिक्षा – प्रतियोगिता में सफलता के आसार कम ही हैं अतः खूब मेहनत करें . यह स्थिति यदि आपको प्रथम संतान होने वाली है तो बहुत शुभ नहीं है . विपरीत लिंग के जातकों से लाभ की स्थिति बनेगी.
“वैदिक अनुष्ठान” करवाने के लिए क्लिक करें
कुम्भ : चतुर्थ और भाग्य स्थान का स्वामी शुक्र अब आपके चतुर्थ भाव में आ रहा है , शुक्र नैसर्गिक रूप से चतुर्थ भाव में अत्यंत प्रसन्न रहता है और बहुत अच्छा परिणाम देता है चाहे कितना भी कमजोर क्यों ना हो कुछ सुख तो अवश्य देगा . यह समय नए वाहन खरीदने के लिए तो उपयुक्त है परन्तु जमीन में निवेश की सलाह मैं इस समय नहीं दूंगा अतः इससे बचें . सामजिक या राजनीतिक क्षेत्र में कार्य करने वालों को इस समय मनोवांछित सफलता नहीं मिलेगी विशेष कर यदि शुक्र की दशा नहीं हुई तो . भौतिक सुखों में कुछ वृद्धि यह शुक्र अवश्य कराएगा .
वैदिक शुक्र शांति करवाने के लिए क्लिक करें
मीन : मीन लग्न में शुक्र तीसरे और अष्टम भाव का स्वामी है और यह अब आपके जो अब अपनी ही राशि में तीसरे भाव में प्रवेश कर रहा है . चूँकि यह अस्तगत है अतः इसके शुभ्प्रभावों में कुछ कमी रहेगी फिर भी मान –सम्मान की वृद्धि होगी . पारिवारिक लोगों का सहयोग मिलेगा . इस समय आपकी प्रवृति थोड़ी कंजूसी भरी भी रहेगी दूसरों से तो खर्च कराएँगे परन्तु स्वयं की बारी आएगी तो पीछे हट जायेंगे . कुछ आलस्य भी हावी रहेगा अतः कार्यों में कुछ विलम्ब करेंगे . विपरीत लिंग के नए मित्र और सहयोदी बनेगे . इस समय सभी सुख – सुविधायें होते हुए भी आप उसका प्रयोग कम ही कर पायेंगे .