" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

विजया एकादशी कथा/Vijaya Ekadashi Katha

Ekadashi 2024/ एकादशी  2024

सतयुग में  भगवान् श्री राम जब अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ चौदह वर्ष का वनवास पंचवटी वन में काट रहे थे तब लंका नरेश रावण ने सीता हरण किया था. राक्षसों के राजा रावण सीता को लंका उठा ले गये. अपनी पत्नी का पता लगाते हुए जब श्री राम घायल जटायु के पास  पहुंचे तो उन्हेंने पूरी घटना उन्हें सुनाई ओर स्वर्ग सिधार गये. भगवान् राम ने बाली को मार सुग्रीव ओर हनुमान जी  का साथ लिया . श्री रामचंद्रजी ने वानर सेना सहित सुग्रीव की सम्पत्ति से लंका को प्रस्थान किया। जब श्री रामचंद्रजी समुद्र से किनारे पहुँचे तब उन्होंने उस अगाध समुद्र को देखकर लक्ष्मणजी से कहा कि इस समुद्र को हम किस प्रकार से पार करेंगे।

भगवान्य श्री राम की विवशता जानकार लक्षण बोले “यहाँ से आधा योजन दूर कुमारी द्वीप में वकदालभ्य नाम के मुनि रहते हैं।वह अवश्य ही इस कठिनाई का समाधान बतलायेंगे. श्री रामचंद्रजी वकदालभ्य ऋषि के पास गए और उनको प्रमाण करके बैठ गए।

वकदालभ्य ऋषि सब जानकार बोले कि हे राम! फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत करने से निश्चय ही आपकी विजय होगी, साथ ही आप समुद्र भी अवश्य पार कर लेंगे।

तब भगवान् श्री राम ने  विधि पूर्वक विजया एकादशी व्रत का का पालन किया तथा दुष्ट रावण को परास्त करने में सफल हुए.

विजया एकादशी व्रत/Vijaya Ekadashi Vrat

 जया एकादशी /  Jaya Ekadashi                                                                            


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