" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Magh Sankashti Ganesh Chaturthi / Sankashti Chaturthi/ Shri Ganesh Chaturthi/श्री गणेश चौथ व्रत कथा /माघ मासी गणेश चतुर्थी/ गणेश चतुर्थी

माघ संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि 5 जनवरी (शुक्रवार) 2018 

ganapati

चतुर्थी तिथि आरम्भ : 4 जनवरी ,21:30

चतुर्थी तिथि समाप्त : 5 जनवरी , 19:00

व्रत का फल : इस व्रत को करने से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं  हैं.

माघ संकष्टी गणेश चौथ कथा 

सतयुग में हरिश्चन्द्र नामक सत्यवादी राजा था वे साधू-सेवी व धर्मात्मा थे . उनके राज्य में कोई भी दु:खी नही था. उन्ही के राज्य में एक ऋषि शर्मा ब्राह्मण रहते थे . उनको एक पुत्र पैदा हुआ और कुछ समय बाद ब्राह्मण की मृत्यु हो गई . ब्राह्मणी दु:खी होकर भी अपने पुत्र का पालन करने लगी और गणेश चौथ का व्रत करती थी .

एक दिन ब्राह्मणी का पुत्र गणेश जी की प्रतिमा को लेकर खेलने निकला . एक दुष्ट कुम्हार ने उस बालक को आवा में रखकर आग लगा दी , इधर जब लड़का घर नही आया तो ब्राह्मणी बहुत प्रेषण और चिन्ता करते हुए .गणेश जी से अपने पुत्र के लिए प्रार्थना करने लगी और कहने लगी- अनाथो के नाथ मेरी रक्षा करों . मैं आपकी शरण में हूँ . इस प्रकार रात्रि भर विलाप करती रही . प्रात: काल कुम्हार अपने पके हुए बर्तनों देखने के लिए आया तो देखा बालक वैसे ही हैं .आवा में जंघा तक पानी भर गया हैं .

इस घटना से हतप्रद कुम्हार ने राजा के पास जा कर सारे वृतान्त सुनाए और बोला मुझसे अनर्थ हो गया मैंने अनर्थ किया हैं , मैं दण्ड का भागी हूँ मुझे मृत्यु दण्ड मिलना चाहिए महराज ! मैंने अपनी कन्या के विवाह के लिए बर्तनों का आवा लगाया था पर बर्तन न पके . मुझे एक टोटका जानने वाले ने बताया कि बालक की बलि देने से आवा पाक जाएगा मैं इस बालक की बलि दी पर अब आवा में जल भर रहा है और बालक खेल रहा हैं .

उसी समय ब्राह्मणी आ गई और अपने बालक को उठाकर कलेजे से लगा कर घुमने लगी राजा हरिश्चन्द्र ने उस ब्राह्मणी से पुछा ऐसा चमत्कार कैसे हो गया ? ऐसा कौन सा व्रत, तप करती हो या ऐसी कौन सी विधा जानती हो जिससे ये चमत्कार हुआ . ब्राह्मणी बोली –महाराज ! मैं कोई विधा नही जानती हूँ और नहीं कोई तप जानती हूँ मई सिर्फ संकट गणेश नामक चौथ व्रत करती हूँ . इस व्रत के प्रभाव से मेरा पुत्र कुशलपूर्वक हैं

इस व्रत के प्रभाव से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं

संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत तिथि 2018                फाल्गुन संकष्टी गणेश चतुर्थी               संकटनाशन गणेश स्तोत्र

माघ गुप्त नवरात्र                                              मघा नक्षत्र


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