प्राचीन काल में गोकुल नगर में वैखानस नाम का रजा हुआ जो स्वभाव से बहुत ही धार्मिक था. एक बार रात्रि में उसने स्वप्न में अपने पूज्य पिता को नरक भोगते हुए देखा. प्रातः काल राजा ने ज्योतिषी और वेद पाठी ब्राह्मणों से पूछा कि ” मेरे पिता का उद्धार कैसे होगा?” ब्राह्मण बोले यहाँ समीप ही पर्वत ऋषि का आश्रम है, उनकी शरणागत से आपके पिता शीघ्र ही स्वर्ग चले जायेंगे. राजा पर्वत ऋषि के आश्रम शीघ्र ही गये . सादर प्रणाम करके अपने स्वपन के बारे में ऋषि को बताया और उनसे अपने योग बल के माध्यम से अपने पिता की मुक्ति का मार्ग जानने की विनती की .
ऋषि ने बहुत सोच विचार कर राजा को सबसे सुगम और शीघ्र फलदाता मोक्षदा एकादशी व्रत के विधि विधान और महत्व को बताया . राजा ने ऋषि के कहे अनुसार कुटुंब सहित मोक्षदा एकादशी का व्रत करके उसका फल अपने पिता को अर्पण किया और व्रत के प्रभाव से राजा के पिता ने मोक्ष प्राप्त किया और स्वर्ग चले गये.