" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Sarvarthsidhi Yog /सर्वार्थसिद्धि योग 

सर्वार्थसिद्धि योग 2017/Sarvarthsidhi Yog 2017             सर्वार्थसिद्धि योग 2018/Sarvarthsidhi Yog 2018

नक्षत्रों के गणनाओं पर आधारित सर्वार्थसिद्धि योग अत्यंत ही शुभ है. जैसा कि नाम से ही  ज्ञात है इस योग में किया जाने वाला कोई भी शुभ कार्य सफल होता है एवं इच्छित फल प्रदान करता है. इस योग में नक्षत्रो एवं वारों (दिनों) की गणना का विशेष महत्व है. सर्वाध सिद्धि योग सर्वदा सिद्धि, वार तथा चन्द्र नक्षत्र के योग से होता है जो निम्न है।

  •  सोमवार को श्रवण, रोहिणीमृगशिरा तथा अनुराधा नक्षत्र पड़ने पर।
  •  मंगलवार को अश्विनी, उत्तराभद्रापद ,कृतिका और नक्षत्र पड़ने पर।
  • बुधवार को रोहिणी, अनुराधा, हस्त, कृतिका और मृगशिरा नक्षत्र पड़ने पर।
  • रविवार को हस्त, मूल, अश्विनी, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, उत्तरषाढ़ा और उत्तराभाद्रपद पड़ने पर.
  • शुक्रवार को रेवती, अनुराधा, अश्विनी और श्रवण नक्षत्र पड़ने पर
  • शानिवार को श्रवण रोहिणी और स्वाति नक्षत्र पड़ने पर।
  • गुरूवार को रेवती अनुराधा आश्विनी पुनर्वास और नक्षत्र पड़ने पर।

इस योग में नया कार्य प्रारम्भ करने पर चातुर्दिक, अथवा सर्वागीण सफलता मिलती है। वार तथा तिथि के योग से “सिद्धियोग“ होता है तो वार और चान्द्र नक्षत्र के योग से “सर्वार्थ सिद्धि” योग होता है।

वर्ष 2018 की सर्वार्थसिद्धि योग तिथियाँ


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