जब किसी भी कारण से व्यक्ति के ऊपर अकाल मृत्यु का या मृत्यु तुल्य कष्ट का खतरा मडराने लगा हो तो महामृत्युंजय मन्त्र का अनुष्ठान, मन्त्रों के माध्यम से उपचार करने का एकमात्र रास्ता रह जाता है. ऐसा कहा जाता है कि यदि स्वयं शिव ने ही मृत्यु सुनिश्चित ना कर दी हो तो इस मन्त्र में, यमराज के मुंह से भी व्यक्ति को बाहर लाने का सामर्थ्य है . महामृत्युंजय मन्त्र भगवान् शिव को प्रसन्न करके मृत्यु के भय से मुक्त करने के लिए अचूक मन्त्र है .
भयानक दुर्घटना
असाध्य रोग
दिल का दौरा
मारकेश की दशा
अष्टमस्थ शनि
राहू या केतु की दशा
बालारिष्ट योग
और कारागार बंधन का यदि भय हो तो महामृत्युंजय मन्त्र का अनुष्ठान अत्यंत लाभकारी है .
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जप संख्या : कम से कम लघु 31,000, या दीर्घ 1,25,000 या कलयुग के नियमानुसार अधिकतम अति दीर्घ 5,00,000
अवधि : अत्यंत ही नाजुक परिस्थिति में अखंड या परिस्थिति अनुसार आवश्यक दिनों में
समय : यदि स्थिति अत्यंत नाजुक और आपातकालीन ना हो तो शिववास का विचार करके अन्यथा कभी भी .
सभी प्रमुख कर्म काण्ड मेरी देख रेख में संपन्न होते है.
लघु मृत्युंजय जप 31,000 मंत्र जप +हवन |
Rs. 31,000/- or 442 USD | Request Now |
दीर्घ मृत्युंजय जप 1,25,000 मंत्र जप +हवन |
Rs. 61,000/- or 870 USD | Request Now |
अति दीर्घ मृत्युंजय जप 500000 मंत्र जप +हवन |
Rs. 3,51,000/- or 5000 USD | Request Now |
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