" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Surya Grahan 2021- सूर्य ग्रहण 2021

Chandra Grahan 2021/चन्द्र ग्रहण 2021

भारत का पहला सूर्य ग्रहण 

 तारीख : 10 जून 2021 ग्रहण समय (IST) –  दोपहर 1:42 से  सांय 6:41 तक 

भारत में सूतक मान्य नहीं 

वर्ष 2021 का सबसे पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 को लगेगा । यह  ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग, यूरोप और एशिया में आंशिक व उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रुस में पूर्ण सूर्य ग्रहण की तरह दृश्य होगा.  भारत में इस सूर्य ग्रहण की दृश्यता न तो पूर्ण रुप से और ना ही आंशिक रुप से होगी, इसलिए भारत में इसका धार्मिक प्रभाव एवं सूतक मान्य नहीं होगा ।

भारत में सूर्य ग्रहण के नहीं दिखाई देने के कारण भारत में ग्रहण का सूतक काल शून्य रहेगा। ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र नहीं हैं जहां एक तरफ इसका वैज्ञानिक महत्व है तो वहीं दूसरी तरफ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह एक आध्यात्मिक घटना होती है जिसका समस्त प्राणियों पर प्रभाव पड़ता है। विशेषकर सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण का। परंतु ऐसा नहीं है कि ग्रहण का सभी प्राणियों पर बुरा ही प्रभाव पड़ता है कुछ राशियों पर इस ग्रहण का अच्छा प्रभाव भी पड़ता है।

यदि आपकी कुंडली में ग्रहण दोष  है तो “ग्रहण दोष शांति पूजा” के लिए यह दिन सर्वोत्तम है. “पितृ दोष शांति ” और  “वैदिक सूर्य शांति पूजा ” के लिए भी यह दिन उपयुक्त माना जाता है. इस दिन किये गये कार्यों का प्रभाव कई गुना अधिक हो जाता है इसलिए मन्त्र सिद्धि और किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए ग्रहण का  दिन अत्यंत ही उपयुक्त माना गया है.

दान :  चावल , आटा , दाल , वस्त्र , फल इत्यादि का दान सर्वोत्तम

भारत का दूसरा सूर्य ग्रहण 

 तारीख : 4 दिसम्बर 2021 ग्रहण समय (IST) – सुबह 10:58 से  दोपहर 3:08 तक 

भारत में सूतक मान्य नहीं 

यह सूर्य ग्रहण 4 दिसम्बर 2021 को लगेगा जो कि  वर्ष  2021 का दूसरा  सूर्य ग्रहण होगा .

ये ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में पूर्ण सूर्य ग्रहण की तरह दृश्य होगा.  भारत में इस सूर्य ग्रहण की दृश्यता न तो पूर्ण रुप से और ना ही आंशिक रुप से होगी, इसलिए भारत में इसका धार्मिक प्रभाव एवं सूतक मान्य नहीं होगा ।

भारत में सूर्य ग्रहण के नहीं दिखाई देने के कारण भारत में ग्रहण का सूतक काल शून्य रहेगा। ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र नहीं हैं जहां एक तरफ इसका वैज्ञानिक महत्व है तो वहीं दूसरी तरफ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह एक आध्यात्मिक घटना होती है जिसका समस्त प्राणियों पर प्रभाव पड़ता है। विशेषकर सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण का। परंतु ऐसा नहीं है कि ग्रहण का सभी प्राणियों पर बुरा ही प्रभाव पड़ता है कुछ राशियों पर इस ग्रहण का अच्छा प्रभाव भी पड़ता है।

यदि आपकी कुंडली में ग्रहण दोष  है तो “ग्रहण दोष शांति पूजा” के लिए यह दिन सर्वोत्तम है. “पितृ दोष शांति ” और  “वैदिक सूर्य शांति पूजा ” के लिए भी यह दिन उपयुक्त माना जाता है. इस दिन किये गये कार्यों का प्रभाव कई गुना अधिक हो जाता है इसलिए मन्त्र सिद्धि और किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए ग्रहण का  दिन अत्यंत ही उपयुक्त माना गया है.

दान :  चावल , आटा , दाल , वस्त्र , फल इत्यादि का दान सर्वोत्तम

  सूतक में क्या करें और क्या न करें  >

शुभम भवतु

पं. दीपक दूबे (View Profile)


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