" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Chandra Grahan 2017/Lunar Eclipse 2017/चन्द्र ग्रहण 2017

वर्ष 2017 का दूसरा  चन्द्र  ग्रहण

तारीख : 7 -8 अगस्त (सोमवार) , 2017

ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार) –  22:42 से  24:48

सूतक का समय  – 7 अगस्त (सोमवार) को  13 :42 से प्रारंभ 

रक्षाबंधन मुहूर्त : प्रातः 11:07 से 13:42 तक

 

7 अगस्त 2017 श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात्रि को खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण होगा, जिसे पूरे भारतवर्ष में देखा जा सकेगा. भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण पाकिस्तान , अफगानिस्तान , ईरान, ईराक , सऊदी अरब, इथोपिया , केन्या, तंज़ानिया , दक्षिण अफ्रीका, रूस, चीन, मंगोलिया, मयन्मार, ऑस्ट्रेलिया , जापान, थाईलैंड, सिंगापुर आदि से भी इस अल्प्ग्रास चन्द्र ग्रहण को कुछ समय के लिए देखा जा सकेगा.

सोमवार को होने वाले चन्द्र ग्रहण को चूड़ामणि चन्द्र ग्रहण’ भी कहा जाता है. चूड़ामणि ग्रहण में होने वाले पूजा पाठ , यज्ञ, दान पुण्य का फल अनंत माना गया है.

यदि आपकी कुंडली में ग्रहण दोष  है तो “ग्रहण दोष शांति पूजा” के लिए यह दिन सर्वोत्तम है. “पितृ दोष शांति ” और  “वैदिक चन्द्र शांति पूजा ” के लिए भी यह दिन उपयुक्त माना जाता है. इस दिन किये गये कार्यों का प्रभाव कई गुना अधिक हो जाता है इसलिए मन्त्र सिद्धि और किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए ग्रहण का  दिन अत्यंत ही उपयुक्त माना गया है.

दान :  चावल , आटा , दाल , वस्त्र , फल इत्यादि का दान सर्वोत्तम

क्या करें क्या ना करें ?

ग्रहण के दौरान शौच , बाल – नाख़ून इत्यादि काटना , सिलाई , भोजन , मूर्ति स्पर्श इत्यादि ना करें. बूढ़े , बीमार , बच्चे और गर्भवती महिलाओं के लिए फल , शाकाहार , जल और दवाएं निषेध नहीं हैं हाँ कुछ काटने का कार्य उस समय ना करें और ग्रहण की रौशनी से दूर रहें

  • ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन करे इससे आपको लाभ और लंबे रोग से छुटकारा मिलेगा |
  • यदि चंदमा निर्बल है तो “ॐ चन्द्राय: नमः” मन्त्र का जप करे |
  • यदि आपका सूर्य निर्बल है तो  इस दौरान मंत्र“ॐ सूर्याय: नमः” का जप करे |
  • पितृ दोष निवारण के लिए भी सूर्य ग्रहण का समय उपयुक्त होता है |
  • ग्रहण के समय यदि आपकी कुंडली में सूर्य या चंद्र दोष है तो यह समय ग्रहण संबंधी उपचार के लिए उपयुक्त है |
  • यदि आप किसी तीर्थ स्थल पर है तो वह स्नान कर जप और दान करे |
  • ग्रहण के उपरांत स्नान कर यथासंभव किसी जरूरतमंद को दान करे आपको इसका लाभ मिलेगा |
  • विशेष: ग्रहण के दौरान तुलसी पत्ता तोडना निषेध है इसलिए सूतक से पहले तोड़ ले |
  • दूध और दही में भी तुलसी पत्ता डाल दे |
  • यदि कुछ विशेष भोजन है जो आप फेकना नहीं चाहते तो उसमे सूतक से पहले  तुलसी पत्ता डाल दे |
  • सूतक के दौरान भोजन ना बनाये | सूतक से पहले भोजन तैयार कर ले और सूतक के दौरान ही समाप्त कर ले यदि ये भोजन बच जाता है तो उसे पशु ,पक्षी को डाल दे |
  • धार्मिक पुस्तक पढ़े |
  • सोच को सकारात्मक रखे | विशेषतोर पर गर्भवती महिलाये क्योंकि उसका सीधा प्रभाव आपके होने वाले बच्चे पर पड़ता है |
  • अच्छे विचार और भाव मन में लाये |
  • अपने सामान्य दैनिक कार्य करें |
  • स्नान कर भगवान  का मनन करे . जो भी आपके आराध्य देव है उनका धयान करे |

चन्द्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव 

यह राशिफल सूर्य या चन्द्र राशि पर आधारित न होकर लग्न पर आधारित है तथा  बहुत ही सामान्य आधार पर है अतः किसी विशेष परिस्थिति में अपनी कुंडली की जाँच कराकर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचे . अच्छे या बुरे परिणाम आपकी वर्तमान दशा- अंतर दशा पर निर्भर करते हैं.

मेषपिता को कष्ट , आय में बाधा .

वृषभ:  कार्यों में गतिरोध , हानि  .

मिथुन: रोग इत्यादि में वृद्धि , शारीरिक कष्ट , स्थान परिवर्तन

कर्कजीवन साथी से मतभेद , व्यापार में हानि , लड़ाई – झगडे की संभवना

सिंहशत्रुओं से हानि , कर्ज की स्थिति म सर्जरी का योग

कन्यासंतान को कष्ट , शिक्षा बाधा , गलत निर्णय

तुलामाता को कष्ट , संपत्ति की हानि , वाहन दुर्घटना योग

वृश्चिककरीबियों से दिखा , बहनों और मित्रों को कष्ट , व्यर्थ का विवाद

धनुधन हानि , क्रोध की अधिकता , गलत निर्णय , पारिवारिक तनाव

मकर : चोट – चपेट की संभावना , डिप्रेशन , अशांति और निर्बलता

कुम्भ: सुदूर यात्रा , अधिक खर्च , परिवार से दुरी

मीन: आय में बाधा , संतान को कष्ट , शिक्षा में समस्या , आलस्य और प्रमाद का अधिक प्रभाव

शुभम भवतु

पं. दीपक दूबे (View Profile)


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