" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

19. मूल नक्षत्र: यदि आपका जन्म मूल नक्षत्र में हुआ है तो आपका जीवन सुख समृद्धि के साथ बीतेगा. धन की कमी आपको कभी नहीं आएगी और आप अपने कार्यों द्वारा अपने परिवार का नाम और सम्मान और बढ़ाएंगे. आप कोमल हृदयी परन्तु अस्थिर दिमाग के व्यक्ति है. कभी आप बहुत दयालु और कभी अत्यधिक नुक्सान पहुंचाने वाले होते है. ऐश्वर्य पूर्ण जीवन के कारण आपका उठना बैठना  . . . . . . आगे पढ़ें . 

20. पूर्वाषाढा: पूर्वाषाढा में जन्म लेने वाला जातक थोडा नकचढ़ा और उग्र स्वभाव के होने बावजूद कोमल हृदयी और दूसरों से स्नेह रखने वाला होता है. आप जीवन में सकारत्मक विचारधारा से आगे बढ़ते हुए अपने लक्ष्य प्राप्त करते हैं. आपका व्यक्तित्व दूसरों पर हावी रहता है परन्तु आप एक संवेदनशील व्यक्ति हैं जो दूसरों की मदद के लिए सदैव तैयार रहतें है . अपने इन्ही गुणों के कारण आप को बहुत अधिक प्रेम व् सम्मान भी मिलता है परन्तु अपनी चंचल बुद्धि के कारण आप अधिक वफादार नहीं होते हैं और कभी कभी अनैतिक कार्यों में भी लिप्त हो जाते हैं. . . . . . . आगे पढ़ें .

21. उत्तराषाढायदि आपका जन्म उत्तराषाढा नक्षत्र में हुआ है तो आप एक सफल एवं स्वतंत्र व्यक्ति हैं. आप ईश्वर में आस्था रखते हुए जीवन में प्रसन्नता और मैत्री के साथ आगे बढ़ने में विश्वास रखते हैं. विवाह उपरान्त आपके जीवन में और अधिक सफलता एवं प्रसन्नता आती है.  उत्तराषाढा में जन्मा जातक ऊँचे कद और गठीले शारीर के मालिक होते हैं. चमकदार आँखे और चौड़ा माथा आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगाते हैं. गौर वर्ण के साथ आपकी आंखे थोड़ी लालिमा लिए हुए होती हैं. आप मृदुभाषी हैं और सभी से प्रेम पूर्वक व्यवहार आपमें स्वाभाविक है.. . . . . . आगे पढ़ें . 

22. श्रवण नक्षत्र :यदि आपका जन्म श्रवण नक्षत्र में हुआ है तो आप एक माध्यम कद काठी परन्तु प्रभावी और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी है. बचपन से ही सीखने की लालसा होने के कारण आप आजीवन ज्ञान प्राप्त करते हैं और समाज के बुद्धिजीवियों में आप की गिनती होती है. आप एक स्थिर सोच वाले  निश्छल और पवित्र व्यक्ति है. मानवता ही  आपकी प्राथमिकता है और आपका दृष्टिकोण सदा ही सकारात्मक रहता है. आप दूसरों के प्रति बहुत अधिक स्नेह की भावना रखते हैं इसलिए औरों से भी उतना ही स्नेह व सम्मान प्राप्त करते हैं.. . . . . . आगे पढ़ें

23. धनिष्ठा नक्षत्र : धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मा जातक सभी गुणों से समृद्ध होकर जीवन में सम्मान और प्रतिष्ठा पाता है. आप स्वभाव से बहुत ही नरम दिल एवं संवेदनशील व्यक्ति होते हैं. आप दानी और अध्यात्मिक व्यक्ति हैं परन्तु अपनी इच्छाओं के विरुद्ध जाना आपके बस में नहीं है. आपका रवैया अपने प्रियजनों के प्रति बेहद सुरक्षात्मक होता है किन्तु फिर भी आप दूसरों के लिए जिद्दी और गुस्सैल ही रहते हैं.. . . . . . आगे पढ़ें 

24. शतभिषा नक्षत्र: शतभिषा नक्षत्र में जन्मा जातक बहुत साहसी एवं मजबूत विचारों वाला होता है. अत्यधिक सामर्थ्य एवं स्थिर बुद्धि के होते हुए भी कभी कभी जिद्दी और संवेदनहीन प्रतीत होते हैं. सभी प्रकार से ज्ञानी होते हुए भी आप आत्म केन्द्रित होते हैं. आप अधिक संतान वाले एवं दीर्घायु होते हैं.  शतभिषा जातक रहस्यमय एवं समृद्धशाली व्यक्ति होते हैं, जिनको अपने आस पास के लोगों से सम्मान प्राप्त होता है. यदि आपका जन्म शतभिषा नक्षत्र में हुआ है तो आप अत्यंत आकर्षक और मजबूत व्यक्तित्व के स्वामी हैं.. . . . . . आगे पढ़ें

25. पूर्वाभाद्रपद: यदि आपका जन्म पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र मे हुआ है तो आप मानवता में विश्वास रखते हुए केवल दूसरों के भले के बारे में ही सोचते हैं. आप एक दयालु और नेक दिल होने के साथ-साथ खुले विचारों वाले व्यक्ति हैं. आप बहुत साहसी हैं तथा दूसरों की मदद करने में सदा आगे रहते हैं. आप वाणी और विचारों से नम्र अवश्य होते हैं परन्तु व्यक्तित्व से नहीं. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे जातक अपने आदर्शो और सिद्धांतों पर ही आजीवन चलना पसंद करते हैं. आप जीवन में कभी पथभ्रष्ट नहीं होते क्योंकि आपका दृष्टिकोण सही और साफ़ होता है... . . . . . आगे पढ़ें

26. उत्तराभाद्रपद: यदि आपका जन्म उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है तो आप स्वभाव से एक दयालु व्यक्ति हैं. आप धार्मिक होने के साथ साथ वैरागी भी हैं.  आप समाज में एक धार्मिक नेता , प्रसिद्द शास्त्र विद एवं मानव प्रेमी के रूप में प्रख्यात हैं. आप कोमल हृदयी हैं एवं दूसरों के साथ सदैव सद्भावना रखते हैं. यदि आपके साथ कोई दुर्व्यवहार भी करता है तो आप उसे क्षमा कर  देते हैं. आप अपने दिल में भी किसी के प्रति कोई द्वेष नहीं रखते. आप महत्वाकांक्षी व्यक्ति नहीं हैं परन्तु इच्छाएं बढ़ी-चढ़ी होती हैं व् मन ही मन आप उन्नत्ति के सर्वोच्च शिखर पर पहुँच जाते हैं.. . . . . . आगे पढ़ें

27. रेवती नक्षत्र: यदि आपका जन्म रेवती नक्षत्र में हुआ है तो आप एक माध्यम कद और गौर वर्ण के व्यक्ति हैं. रेवती जातकों के व्यक्तित्व में संरक्षण, पोषण और प्रदर्शन प्रमुख है. आप एक निश्चल प्रकृति के व्यक्ति हैं जो किसी के साथ छल कपट करने में स्वयं डरता है. आप को क्रोध शीघ्र ही  आ जाता है. किसी की ज़रा सी विपरीत बात आपसे सहन नहीं होती है. क्रोध में आप आत्म नियंत्रण भी खो देते हैं, परन्तु क्रोध जितनी जल्दी आता है उतनी जल्दी चला भी जाता है. साहसिक कार्य और पुरुषार्थ प्रदर्शन की आपको ललक सदा ही रहती है. . . . . . आगे पढ़ें

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