भैरव जी की पूजा से मंगल , राहू और केतु जनित दोष , शत्रु बाधा तथा घटना-दुर्घटना और अकाल मृत्य का भय समाप्त होता है .राहू या केतु जनित दोष से बुरी तरह से प्रभावित होने पर राहू या केतु की शांति अनुष्ठान के साथ – साथ भैरव अनुष्ठान भी श्रेयस्कर होता है
श्री काल भैरव अनुष्ठान में ध्यान, चालीसा, भैरव अष्टोत्तर शतनाम, भैरवाष्टक पाठ तथा भैरव मन्त्र जप तथा हवन किया जाता है.
प्रारंभ के लिए शुभ दिन – भैरव अष्टमी या किसी भी माह की अष्टमी तिथियाँ , तथा रविवार का दिन श्रेयस्कर
अनुष्ठान (एक दिवसीय) | 11000 मंत्र जप +हवन | Rs. 11,000/- or 190 USD | Request Now |
अनुष्ठान (एक दिवसीय) | 31000 मंत्र जप +हवन | Rs. 21,000/- or 350 USD | Request Now |
अनुष्ठान (आठ दिवसीय) | 1,25,000 मंत्र जप +हवन | Rs. 51,000/- or 850 USD | Request Now |
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