" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Surya Grahan 2022- सूर्य ग्रहण 2022

Chandra Grahan 2022/चन्द्र ग्रहण 2022

भारत का पहला सूर्य ग्रहण 

 तारीख : 30 अप्रैल 2022  ग्रहण समय (IST) –  दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से शाम 4 बजकर 7 मिनट तक

भारत में सूतक मान्य नहीं 

यह साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल 2022 को लगेगा और दोपहर के 12 बजकर 15 मिनट से शाम के 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। यह एक आंशिक ग्रहण होगा जो कि दक्षिणी-पश्चिमी अमेरिका, पेसिफिक अटलांटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा। भारत में इसका प्रभाव न के बराबर होगा, इसलिए भारत में इसका धार्मिक प्रभाव एवं सूतक मान्य नहीं होगा ।

भारत में सूर्य ग्रहण के नहीं दिखाई देने के कारण भारत में ग्रहण का सूतक काल शून्य रहेगा। ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र नहीं हैं जहां एक तरफ इसका वैज्ञानिक महत्व है तो वहीं दूसरी तरफ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह एक आध्यात्मिक घटना होती है जिसका समस्त प्राणियों पर प्रभाव पड़ता है। विशेषकर सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण का। परंतु ऐसा नहीं है कि ग्रहण का सभी प्राणियों पर बुरा ही प्रभाव पड़ता है कुछ राशियों पर इस ग्रहण का अच्छा प्रभाव भी पड़ता है।

यदि आपकी कुंडली में ग्रहण दोष  है तो ग्रहण दोष शांति पूजाके लिए यह दिन सर्वोत्तम है. “पितृ दोष शांति ” और  “वैदिक सूर्य शांति पूजा ”के लिए भी यह दिन उपयुक्त माना जाता है. इस दिन किये गये कार्यों का प्रभाव कई गुना अधिक हो जाता है इसलिए मन्त्र सिद्धि और किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए ग्रहण का  दिन अत्यंत ही उपयुक्त माना गया है.

दान :  चावल , आटा , दाल , वस्त्र , फल इत्यादि का दान सर्वोत्तम

भारत का दूसरा सूर्य ग्रहण 

 तारीख : 25 अक्‍टूबर 2022 ग्रहण समय (IST) – शाम 4 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 42 मिनट तक

भारत में सूतक मान्य नहीं 

यह साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्‍टूबर लगेगा जो कि एक आंशिक ग्रहण के रूप में होगा। भारत के समय अनुसार यह ग्रहण शाम को 4 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 42 मिनट तक होगा। इस बार ग्रहण यूरोप, दक्षिणी-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका और अटलांटिका में दिखेगा इसका प्रभाव भारत में नहीं रहेगा। इसलिए भारत में इसका सूतक काल भी मान्‍य नहीं होगा।

भारत में सूर्य ग्रहण के नहीं दिखाई देने के कारण भारत में ग्रहण का सूतक काल शून्य रहेगा। ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र नहीं हैं जहां एक तरफ इसका वैज्ञानिक महत्व है तो वहीं दूसरी तरफ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह एक आध्यात्मिक घटना होती है जिसका समस्त प्राणियों पर प्रभाव पड़ता है। विशेषकर सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण का। परंतु ऐसा नहीं है कि ग्रहण का सभी प्राणियों पर बुरा ही प्रभाव पड़ता है कुछ राशियों पर इस ग्रहण का अच्छा प्रभाव भी पड़ता है।

यदि आपकी कुंडली में ग्रहण दोष  है तो “ग्रहण दोष शांति पूजा” के लिए यह दिन सर्वोत्तम है. “पितृ दोष शांति ” और  “वैदिक सूर्य शांति पूजा के लिए भी यह दिन उपयुक्त माना जाता है. इस दिन किये गये कार्यों का प्रभाव कई गुना अधिक हो जाता है इसलिए मन्त्र सिद्धि और किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए ग्रहण का  दिन अत्यंत ही उपयुक्त माना गया है.

दान :  चावल , आटा , दाल , वस्त्र , फल इत्यादि का दान सर्वोत्तम

  सूतक में क्या करें और क्या न करें  >

शुभम भवतु

पं. दीपक दूबे (View Profile)


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