" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Shardiya Navratri 2019/ Navratri 2019/ नवरात्री 2019/ शारदीय नवरात्र 2019/ शारदीय नवरात्री 2019

प्रारंभ : 29  सितम्बर (रविवार) 2019

समापन : 7 अक्टूबर (मंगलवार) 2019

vishvwshwari

शरद ऋतु के आश्विन माह में आने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्रों का नाम दिया गया है.  नवरात्री में माँ भगवती के सभी 9 रूपों की पूजा भिन्न – भिन्न दिन की जाती है. इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार यह नवरात्र सितम्बर या अक्टूबर में आते हैं. शारदीय नवरात्रों का समापन दशमी तिथि को विजय दशमी के रूप में माना कर किया जाता है.  अतः आइये देखते हैं  इन दिनों में किसकी और कब पूजा की जानी चाहिए.

29 सितम्बर  (रविवार) प्रतिपदा    घट स्थापन एवं  माँ शैलपुत्री पूजा

30 सितम्बर (सोमवार ) द्वितीया  : माँ ब्रह्मचारिणी पूजा 

1 अक्टूबर (मंगलवार ) तृतीया :  माँ चंद्रघंटा पूजा 

2 अक्टूबर (बुधवार) चतुर्थी  माँ कुष्मांडा पूजा  

3 अक्टूबरर (बृहस्पतिवार ) पंचमी :   माँ स्कंदमाता पूजा 

4 अक्टूबर (शुक्रवार) षष्टी  :  माँ कात्यायनी पूजा,  सरस्वती आह्वाहन    

5 अक्टूबर (शनिवार ) सप्तमी  :  कालरात्रि पूजा , सरस्वती पूजा     

6 अक्टूबर (रविवार ) अष्टमी :   माँ महागौरी पूजादुर्गा अष्टमी महा नवमी

7 अक्टूबर (सोमवार) नवमी  : नवरात्री पारण

8 अक्टूबर  (मंगलवार) दशमी  :  दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी

नवरात्रों में माँ भगवती की आराधना दुर्गा सप्तसती से की जाती है , परन्तु यदि समयाभाव है तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ अत्यंत ही प्रभाव शाली एवं दुर्गा सप्तसती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला है.

 सप्तश्लोकी दुर्गा (सप्तशती) के लिए क्लिक करें

जय माँ भगवती !

शिव उपासक एवं ज्योतिषविद 


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