" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Shani Sade Sati On Makar/ Shani Sade Sati On Capricorn/Shani Sade Sati Effect On Capricorn / मकर राशि पर शनि साढ़े साती/ शनि साढ़े साती का मकर राशि पर प्रभाव 

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जैसे ही शनि धनु राशि में प्रवेश करेगा मकर राशि वालों के लिए शनि साढ़े साती का  प्रथम दौर प्रारंभ हो जायेगा. जैसा कि मैंने पहले की राशियों के लिए भी कहा कि शनि साढ़े साती का यह पहला ढाई वर्ष एक समान नहीं जायेगा वैसे ही यह मकर राशि वालों के लिए भी रहेगा .आइये देखते हैं आने वाले ढाई वर्षों में शनि किस तरह का रंग दिखाने वाला है

 

विशेष :

  • शनि की स्थिति कुंडली में देखनी आवश्यक है क्योंकि उसी के अनुसार शुभ या अशुभ प्रभावों में वृद्धि या न्यूनता आयेगी .
  • यदि आपकी जन्म राशि और लग्न एक ही है तो प्रभावों में और वृद्धि होगी
  • नकारात्मक परिणामों को सुनकर भयभीत ना हों बल्कि उसका समय रहते उपचार करें और सावधानी बरतें .

 

प्रथम दौर का प्रथम भाग (लगभग 13 माह): इस समय आपका आध्यात्मिकता की ओर रुझान खूब बढेगा साथ ही घर – परिवार से दूर होने और पलायन की प्रवृत्ति बढ़ेगी . इस समय बहुत हानि तो नहीं होगी फिर भी समस्याएं लगातार और अचानक उत्पन्न होंगी और आपको आराम नहीं लेने देंगी . वाहन कई बार धोखा देगा , वाहन और बहुमूल्य वस्तुओं के चोरी होने का भय बना रहेगा और चोरी भी होगी अतः सावधान रहें .

प्रथम दौर का द्वितीय भाग (लगभग 13 माह ) : जैसे – जैसे शनि साढ़े साती का समय बीतेगा इसका प्रभाव बढ़ने लगेगा . जहाँ पहले भाग में आपको बहुत आभास नहीं होगा वहीँ इसके दूसरे भाग में समस्याएं कुछ बड़ी होने लगेंगी . रोग और शत्रु लगातार परेशान करेंगे . कुछ लोग दुर्व्यसन और अनाचार का भी शिकार होंगे . भाग्य इस समय उठा – पटक कराएगी . अनावश्यक की यात्रायें होंगी . स्थान परिवर्तन का प्रबल योग बनेगा . इस समय आपके धन की हानि भी होगी . अपयश मिलेगा और आत्म – सम्मान को आघात पहुंचेगा . कोर्ट – कचहरी के मामलों में पराजय का मुंह देखना पड़ेगा. परिवार के अन्दर भी आपको अपमानजनक स्थितियों का सामना करना पड़ेगा और परिवार की अपेक्षा बाहर मान – सामान अधिक मिलेगा .

प्रथम दौर का अंतिम भाग (लगभग 4 माह ) : यह समय अपमान , व्यय और पराजय का होगा अर्थात अपने ही लोग आपका मजाक उड़ायेंगे , काम बनेगे नहीं . सोच कुंठित हो सकती है . कुछ लोगों के लिए इस समय प्रवास की स्थिति उत्पन्न हो सकती है . शत्रु हावी रहेंगे . न्यायालयी मामलों में हानि ही होगी . रोग भय भी बना रहेगा विशेष कर ह्रदय रोग तथा दुर्घटना इसकी प्रबल सम्भावन बनी रहेगी . परिवार के लोग साथ नहीं देंगे . इस समय आपको अपने कामों को निकलने के लिए झूठ – आडम्बर और कपटता पूर्ण व्यवहार का सहारा लेना पड़ेगा और यहीं मैं आपको सावधान रहने की सलाह दूंगा . यदि आपकी आयु 28 – 40 के बीच में है या 52 – 60 के बीच  में है तो मारे – मारे फिरने को मजबूर हो सकते हैं अत्यंत कष्ट उठाना पड़ सकता है . पहले ही सचेत रहें .


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